पिचले छः महीने में ये पांचवा मामला है जब गाँव की एक और बेटी शोच करने पास के जंगल में गयी और फिर कभी वापस नही आयी। पता नही वो कहाँ और किस हाल में होगी। गांव वाले चारोतरफ खोज कर रहे है पर कुछ पता नही चल रहा है।
दो हजार लोगो के गाँव में केवल एक सार्वजानिक शोचालय है जिसपर गाँव के बाहुबली भानुप्रताप का कब्ज़ा है।
दशहरा मैदान जो गाँव के उत्तरी कोने में है वहाँ किसी नेता का भाषण होरहा है चुनाव निकट है इस बार भी फिर वही शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और शोचालये बनाने के वादे किये जा रहे है जो पिछले कई चुनावो के स्थानीय मुद्दे रहे है। पता नही कब गाँव के लोगो और बहन बेटियों की तक़दीर बदलेगी।
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